गेहूं की फसल में गेरुआ रोग का प्रबंधन by RFIS-ADVISORIES published on 2023-01-11T11:12:11Z नमस्कार, किसान भाईयों व बहनों, रिलायंस फाउंडेशन और ग्रामीण कृषि मौसम सेवा एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के सहयोग से किसान भाइयों को सलाह है की गेहूं का गेरुआ एक फफूंद जनित रोग है| जो हवा से फैलता है| यह तीन प्रकार के रंग का होता है 1-काला गेरुआ, जो अधिकतर तने पर होता है| 2-भूरा गेरुआ, जो अधिकतर पत्तियों पर नारंगी, भूरा रंग का धब्बा बनाते हैं| 3- पीला गेरुआ, यह अधिकतर पत्तियों के ऊपरी सतह पर पीले रंग के उभरे हुए धब्बे बनाते हैं| इस रोग के लक्षण दिखाई देते ही 200 मिली. प्रोपीकोनेजोल 25 ई.सी. 1 मिली प्रति लीटर पानी या पायरोक्लोस्ट्रोबिन 13.3%+एपोक्सिकोनाज़ोल 5% 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। रोग के प्रकोप और फैलाव को देखते हुए दूसरा छिड़काव 10-15 दिन के अंतराल में करें। अधिक जानकारी के लिए रिलायंस फाउंडेशन के टोल फ्री हेल्पलाइन 18004198800 पर संपर्क करें, धन्यवाद।